
-गुरूकुल में योग महोत्सव आयोजित्
हरिद्वार।
योग विज्ञान विभाग गुरुकुल कांगड$ी समविश्वविद्यालय में योग महोतसव—223 का आयोजन हो रहा है। जिसमें देश के प्रतिष्ठित योगाचार्य स्वामी कर्मवीर महाराज ने कहा कि योग काअभ्यास मानव जीवन की सार्थकता के लिए आवश्यक है। मनुष्य संसार में इतना खो चुका है कि स्वयं की दिव्य शक्तियों को भी भूल गया है। शरीर और मन के कार्य-कलाप में अव्यवस्थित हो चुके हैं। जिसके परिणाम स्वरूप अनेकों प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं। योग के विभिन्न अभ्यास को मनुष्य अपने जीवन में सम्मिलित कर लेता है तो शरीर और मन के संतुलन सही होकर रोग मुक्त होने लगते हैं।
योगाचार्य स्वामी कर्मवीर महाराज के निर्देशन में चल रहे ऋषिकाकुलम की कन्याआें के द्वारा आंख में पट्टी बांधकर किताब के किसी भी पृष्ट को पड$ना, नोट के नंबर आदि को बताना, किसी भी प्रकार के रंग बता देना आदि की क्षमताआें का प्रदर्शन किया गया। ऋषिकाकुलम की कन्याआें ने आंख पर पट्टी बांधकर चित्रकारी भी की जिसे सभी ने साराहा। साथ ही आंख पर बंधी पट्टी के बाद लिखे हुए को पांव के अंगूठे सहारे भी पड$कर दिखाया। योगाचार्य स्वामी कर्मवीर महाराज ने इन क्षमताआें को अर्जित करने में योग के विभिन्न अभ्यास ही उपयोगी हैं। अपनी मानसिक क्षमताआें को बढाने के लिए ध्यान आदि का अभ्यास लाभकारी होता है। एकाग्रता, स्मृति क्षमता, संकल्प बल आदि की आवश्यकता प्रत्येक विद्यार्थी को होती है। योग के द्वारा इन क्षमताआें को प्राप्त किया जा सकता है। इस अवसर पर कुलपति प्रो सोमदेव शतांशु ने कहा कि योग के अभ्यास से ही हम स्वस्थ रह सकते हैं। ऋषिकाकुलम की छात्राआें योग के अभ्यास से अर्जित क्षमताआें का प्रदर्शन किया है। इसका अर्थ है कि हम अपनी शक्तियों और क्षमताआें को इसके अभ्यास से बढ$ा सकते हैं।
विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रो सुनील कुमार ने कहा कि छात्राआें के प्रदर्शन से आश्चर्यचकित हूँ। योग के अभ्यास को हम सभी को अपने जीवन में आवश्यक रूप से करना चाहिए।
इस अवसर पर योग विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो सुरेन्द्र कुमार, कार्यक्रम के संयोजक डा. ऊ धम सिंह, प्रो ब्रह्मदेव, प्रो मनुदेव, प्रो सत्यदेव निगमालंकार, प्रो कर्मजीत भाटिया, डा. निष्कर्ष, डा. राजीव शर्मा, डा. संदीप, हेमंत नेगी, कुलभूषण शर्मा, धर्मेंद्र बिष्ट, दीपक आनंद, निकुंज, मोहन जतीन्द्र मोहन, जोगेन्द्र आदि उपस्थित रहे।