
बहादराबाद।
बहादराबाद स्थित एंजेल्स एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ने गौरैया पक्षी के संरक्षण हेतु जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के पर्यावरणीय जागरूकता प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी डॉ0 विनय सेठी ने विद्यालय के शिक्षकगणों के साथ गौरैया पक्षी के संरक्षण पर चर्चा की। डॉ0 सेठी ने जानकारी दी कि गौरैया की घट रही संख्या की समस्या का समाधान लकड़ी के कृत्रिम नेस्टबॉक्स लगाकर किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि गौरैया घोंसला बनाने तथा अपने बच्चों का लालन-पालन करने के उद्देश्य से इन बॉक्स का चयन सरलता से करती है। डॉ0 सेठी ने कहा कि गौरैया पक्षी का संरक्षण पर्यावरणीय संतुलन की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक है। एक ओर गौरैया विभिन्न प्रकार के कीटों का भक्षण करके हमारी फसल को नष्ट होने से बचाती है तो वहीं दूसरी ओर यह स्वयं अनेक परभक्षियों का भोजन बनकर प्रकृति की खाद्य श्रंखला को संतुलित रखती है।
विद्यालय की डायरेक्टर एवं प्रधानाचार्य श्रीमती रश्मि चौहान ने कहा कि गौरैया हमारे बचपन एवं संस्कृति से जुड़ा एक महत्वपूर्ण पक्षी है। इसलिए इसे बचाया जाना अत्यंत आवश्यक है। श्रीमती चौहान ने कहा कि यदि हम इस पक्षी का संरक्षण करने में विफल हो जाते हैं तो भावी पीढ़ियां हमें कभी क्षमा नहीं करेंगी।
विद्यालय के मुख्य प्रशासक श्री विश्वेंदु चौहान ने बताया कि विद्यालय प्रशासन गौरैया संरक्षण को लेकर गंभीर है, जिसके चलते परिसर के विभिन्न भागों में नेस्टबॉक्स स्थापित कर दिए गए हैं। अब विद्यालय प्रशासन द्वारा विद्यालय के शिक्षकों को नेस्टबॉक्स वितरित किए जा रहे हैं, जिससे कि शिक्षकों के साथ उनका परिवार एवं समाज भी इस पवित्र मुहिम से जुड़ सकें। श्री चौहान ने कहा कि शीघ्र ही विद्यालय के विद्यार्थियों को भी गौरैया संरक्षण मैं योगदान देने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
कार्यक्रम का संचालन कोऑर्डिनेटर श्रीमती पूनम चौहान ने किया तथा इस सत्र में आशीष जैन, विशाल गर्ग, हरमनप्रीत कौर, गणेश धपोला, कुंदन सिंह, दीपिका कुकरेती, आलोक भूषण, चंद्रिका चौहान, मेहर धालीवाल, सुधा श्रीवास्तव, सुदेश वर्मा, प्रशांत जैसवाल, हेमा बिष्ट आदि उपस्थित रहे