हरिद्वार ।
क्षेत्र के सबसे व्यस्तम और मध्य हरिद्वार क्षेत्र में स्थापित नामचीन हॉस्पिटल विभागों की अनुमति लिए बिना ही लगातार विस्तार कर रहा है। लगभग 4000 वर्ग फुट में बने हॉस्पिटल का अब विस्तार लगभग 10000 वर्ग फुट हो गया है। यह विस्तार लगातार जारी है। लोगों का कहना है कि जब उक्त हॉस्पिटल का निर्माण हुआ था तब लगभग 12 बेड की अनुमति ली गई थी, लेकिन अब लगभग 100 बेड से ऊ पर हो गए हैं। लेकिन न तो यहां पार्किंग की कोई व्यवस्था की गई है और न ही हॉस्पिटल से निकलने वाले कूड$े का समूचित निस्तारण किया जाता है। हॉस्पिटल के कर्मचारी अभी भी एलआईसी बिल्डिंग के सामने कूड$ा डाल रहे हैं। यह अलग बात है की कूड$ा उठाने वाली एक संस्था से उन्होंने सर्टिफिकेट हासिल कर रखा है। सुपर कॉम्प्लेक्स के व्यापारियों ने पिछले दिनों एचआरडीए में प्लॉट सी 10 पर अवैध निर्माण को लेकर शिकायत की थी जो व्यापारियों के धरने प्रदर्शन के बाद बंद किया गया था। लेकिन अब बी—9 पर फिर से निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। बताते चलें कि सुपर कम्पलेक्स की बिल्डिंग का तीन मंजिल तक निर्माण नक्शे में स्वीकृत है और द्वितीय मंजिल आवासीय में स्वीकृत है। लेकिन उसे भी कॉमर्शियल में प्रयोग किया जा रहा है । हॉस्पिटल से जब एचआरडीए ने स्वीकृत नक्शे मांगे तो उन्होंने यह कह कर अपना पल्ला झाड$ लिया की नक्शे खो गए हैं, आवास विकास परिषद से मंगा रहे हैं मिलने पर जमा कर देंगे। जब हॉस्पिटल के स्वामियों के पास हॉस्पिटल और सुपर काम्पलेक्स के नक्शे ही नहीं तो बिना स्वीकृति के हॉस्पिटल का विस्तार कैसे कर रहे हैं। एचआरडीए द्वारा नक्शे लगभग 7 माह पूर्व मांगे गए थे लेकिन अभी तक हॉस्पिटल के स्वामी नक्शे एचआरडी को उपलब्ध नहीं करा पाए हैं, और बिना मानचित्र स्वीकृत कराए ही बी—9 पर चौथी मंजिल बना ली है। इस बाबत जब एचआरडीए के सचिव उत्तम सिंह चौहान से बात की तो उन्होंने कहा कि हम केवल अवैध निर्माण को रुकवा सकते हैं लेकिन यदि किसी ने अवैध निर्माण कर लिया है तो उस पर नियमानुसार कम्पाउंडिग की कार्यवाही की जाती है इसमें भी खामी मिलने पर अनाधिकृत निर्माण का ध्वस्तिकरण भी किया जा सकता है। सुपर काम्पलेक्स के व्यापारियों का कहना की हॉस्पिटल के स्वामियों न तो स्वास्थ्य विभाग से कोई अनुमति ली है और न अग्निशमन से, एेसे में हॉस्पिटल का विस्तार सुपर कॉम्प्लेक्स और उसके आसपास रहने वाले निवासियों के जीवन के साथ एक खिलवाड$ से कम नहीं है। हॉस्पिटल की अपनी कोई पार्किंग न होने से सुपर कॉम्प्लेक्स के व्यापारियों को काफी परेशानी होती है क्योंकि हॉस्पिटल के स्टाफ और डॉक्टरों के फोर व टू व्हीलर सुपर कॉम्पलेक्स की पार्किंग में खड$ी हो जाती है जिस कारण न तो सुपर कॉम्पलेक्स के व्यापारियों के अपने वाहन खड$े हो पाते हैं और ना ही काम्पलेक्स में आने वाले ग्राहकों के वाहन खड$े हो पाते हैं। जिस कारण उनके चालान हो जाते हैं। कॉम्पलेक्स के व्यापारियों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि शीघ्र इस समस्या से निजात दिलाएं।
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November 24, 2024