हरिद्वार।
प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के बैनर तले व्यापारियों ने मंगलवार को अपर रोड पर रैपिड टूरिस्ट रूट प्रोजेक्ट का विरोध करते हुए प्रदेश सरकार से मांग की उक्त प्रोजेक्ट को अपर रोड$ जीरो जोन क्षेत्र से बाहर किया जाये।
बताया कि बीते सोमवार को जिस प्रकार से उक्त प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने अपने प्रोजेक्ट से संबंधित प्रोजेक्शन व्यापारियों व गंगा सभा के सम्मानित पदाधिकारियों के सम्मुख रखा इससे कोई भी वर्ग संतुष्ट नहीं दिखा। प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष डा. नीरज सिंघल ने विरोध प्रदर्शन के दौरान कहां उक्त प्रकार के प्रोजेक्ट अभी पूरे भारत में कहीं नहीं आया है। बड$े शहरों में मैट्रो सिटी जहां पर यह प्रोजेक्ट लगने चाहिए शहर की पौराणिकता को समाप्त कर श्मशान बनाने की साजिश का हम पूर्ण विरोध करते हैं इस प्रोजेक्ट को क्षेत्र से बाहर किया जाये। जिला महामंत्री संजय त्रिवाल ने अपने विरोध में कहा कि अपर रोड पर अद्र्धकुम्भ व कुम्भ मेला ही नहीं अपितु पूरे वर्ष बड$े—बड$े धार्मिक जलूस निकलते हैं। जिसमें बहुत ऊंची ऊंची धर्म पताकाएें निकलती है। धार्मिक गुरुजन के बड$े -बडे सिंहासनों पर विराजमान होते है। यदि सड$कों के बीचो बीच वह दोनों साइड में उक्त प्रोजेक्ट के पिलर खड$े होंगे तो जगह कहां बचेगी तथा एक ऊं चाई निश्चित होने पर शाही जुलूस कैसे निकलेंगे। इस प्रोजेक्ट को बनाने में दोनों तरफ के आवासीय व व्यवसायिक भवनों को तोड$ा जाएगा साथ ही विस्थापन कर उजाडे गए व्यापारियों को आत्महत्या कर मजबूर होना पड$ेगा। हरिद्वार में पहले हुए विस्थापन इसके गवाह हैं हरकी पैड$ी क्षेत्र शांति निकेतन गंगा बिल्डिंग गुरुद्वारा ज्ञान गोदड$ी चित्रा टाकीज के सामने के लोग उजाडे जाने के बाद आज तक स्थापित नहीं सके हम विकास के विरोधी नहीं है लेकिन विनाश के समर्थक भी नहीं है। संरक्षक तेज प्रकाश साहू ने कहा आज हम अपने आप को विकसित समझते हैं कि विकास के नाम पर जिस प्रकार बात करते हैं। हरिद्वार के भौगोलिक परिस्थितियां अन्य बडे शहरों से भिन्न है। काशी, प्रयागराज, उज्जैन, मथुरा में चारों तरफ बहुतायत में जमीन उपलब्ध हैं लेकिन हरिद्वार जैसा छोटा सा शहर जो कि मुख्यत हरकी पैड$ी से लेकर रेलवे स्टेशन के डेढ$ किमी क्षेत्र बसता है उसे कुछ तथा कथित स्वार्थी आर्थिक लाभ के लिए शमशान बनाने पर तुले हैं। यह क्षेत्र भी केवल लंबाई में है एक तरफ शिवालिक पर्वतमाला दूसरी तरफ मां गंगा है। कथित प्रोजेक्ट के कारण तोड$े जाने वाले क्षेत्र के बाद यहां क्या बचेगा। प्रर्दशन करने वालो में विनय त्रिवाल, प्रदुमन भगत, गोपाल दास, सुनील कुमार, पवन सुखीजा, गगन गुगनानी, अजय रावल, विशाल माहेश्वरी, राजेश अग्रवाल, सूरज कुमार, सुरेश शाह, संजीव सक्सेना, आनंद फौजी, राजीव शर्मा, महेश कुमार,अमन कुमार, साहिल शर्मा, धर्मेंद्र शाह, संजय त्रिवाल आदि उपस्थित रहे।
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November 24, 2024