राजनीति के गलियारों में कभी चर्चा होती थी ‘इंदिरा के दो हाथ, संजय गांधी और कमलनाथ’। यहीं से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ के पार्टी में कद का अंदाजा लगता है। अब जब 2023 विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, तो कांग्रेस के सीएम चेहरे को लेकर फिर चर्चाएं तेज हैं। कहा जा रहा है कि इस रेस में कमलनाथ आगे रह सकते हैं। जबकि, पार्टी हलकों में उनके विरोध में सुर उठ रहे हैं।
कांग्रेस के दिग्गज नेता अरुण यादव ने साफ कर दिया था कि सीएम फेस चुनेने की प्रक्रिया दिल्ली से होती है। उन्होंने कहा था, ‘मुख्यमंत्री कौन बनेगा, कब बनेगा, कैसे बनेगा यह चुनाव के बाद तय होता है। आंकड़े आएंगे, विधानसभा सदस्यों की बैठक होती है। एक व्यवस्था है, विधायक दल मीटिंग करते हैं। उसमें चयन किया जाता है। आलाकमान, AICC अध्यक्ष खड़गे जी हैं, सोनिया जी हैं, राहुल जी हैं, प्रियंका जी हैं और भी दिल्ली बैठे हैं। विचार करेंगे, जिसे मेंडेट मिलेगा, वो सीएम बनेगा। मुख्यमंत्री चयन की प्रक्रिया एमपी से तो नहीं होती।’
बाद में उन्हें एक और बड़े नेता अजय सिंह का भी साथ मिला। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि प्रदेश कांग्रेस में फिर गुटबाजी जगह ले रही है।