हरिद्वार।
श्रीगीता विज्ञान आश्रम के परम अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि कुछ ही वर्षों में कलियुग का अंत हो जाएगा, यंत्र विज्ञान का प्रयोग होगा और विश्व की सत्तर प्रतिशत आबादी समाप्त हो जायेगी। एेसी भविष्यवाणी अव से लगभग पांच सौ वर्ष पूर्व महाकवि सूरदास ने की थी। अन्य संतों ने भी संवत दो हजार के बाद युग समाप्ति की घोषणा की थी। विश्व में जो तीस प्रतिशत जनसंख्या बचेगी उसमें आधी आबादी भारत की होगी और भारत ही संपूर्ण विश्व का मार्गदर्शन करेगा। विश्व के बदलते हालात का विष्लेषण करते हुए उन्होंने कहा कि कलयुग का अंतिम चरण चल रहा है और यंत्र विज्ञान के प्रयोग की संभावना प्रबल हो रही है। युग परिवर्तनशील है, इसमें चरणबद्ध ढंग से बदलाव आते रहते हैं, कलयुग के बाद पुन: सतयुग आएगा और मंत्र विज्ञान से पुन: सृष्टि का सृजन होगा । भारत के विश्व गुरु बनने की संभावना पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि सत्य बोलने वाले ही सतयुग में जाएंगे और असत्य, दुराचार और व्यभिचार करने वालों का सफाया हो जाएगा। अपने तथ्यों की तुलना अतीत से करते हुए उन्होंने कहा कि सृष्टि का नियम है कि सत्य की विजय होती है और असत्य की पराजय एवं अंत होता है । भारत उपमहाद्वीप में चल रहे हालात का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है, लेकिन त्रेता एवं द्वापर युग की समस्याआें का समाधान न चाहते हुए भी युद्ध के माध्यम से ही किया गया था। समाज में दिन प्रतिदिन बढ$ रहे नैतिक पतन को मानवता के लिए बहुत बड$ा खतरा बताते हुए शतायु संत ने कहा कि समाज से मानवीय गुणों का अंत हो रहा है और दानवता बढ$ रही है। अतीत में घटित घटनाआें का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि देवताआें की तुलना में असुर अधिक शक्तिशाली होते थे लेकिन विजय सदैव देवताआें की ही हुई और असुरों का संहार हुआ, इस पुनरावृत्ति के आसार प्रबल हो रहे हैं। भारत की संप्रभुता के सकुशल बचने के संकेत देते हुए उन्होंने कहा कि देवभूमि भारत धर्म सत्ता के मार्ग का अनुगामी है और धर्म के चार चरण पवित्रता, सत्य, तप और दान होते हैं, इसीलिए यदि विश्व युद्ध हुआ तो भी भारत की क्षति अधिक नहीं होगी और सभी का विकास करने की भावना से भारत सब का सहयोग लेकर विश्व का नेतृत्व करेगा।
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November 24, 2024