-फूलदेई पर महाविद्यालय में किया गया कार्यक्रम आयोजित
-कॉलेज के छात्र-छात्राओ ने प्राचार्य व समीक्षा अधिकारी को फूल देकर मनाया फूल देई पर्व
हरिद्वार।
एसएमजेएन पीजी कॉलेज में आज फूलदेई पर्व धूमधाम से मनाया गया। अखिल भारतीय अखाड$ा परिषद के अध्यक्ष, मंशा देवी मन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं कॉलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी महाराज ने कॉलेज के समस्त छात्र-छात्राआें व शिक्षिकाआें एवं शिक्षणेतरकर्मियों को फूलदेई पर्व की शुभकामनाएं दी।
श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा कि फूलदेई प्रकृति के श्रृंगार का लोकपर्व है। उन्होंने कहा कि यह त्यौहार उत्तराखण्ड की संस्कृति एवं परम्पराआें से जुड$ा प्रमुख पर्व है। हमें अपने लोक पर्वों एवं लोक परम्पराआें को आगे बढ$ाने की दिशा में लगातार प्रयास करने होंगे।
इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार बत्रा ने फूलदेई पर्व की बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में फूलदेई पर्व मनाने की परम्परा है। यह त्यौहार पूरे उत्तरखण्ड राज्य में बड$ी धूमधाम से मनाया जाता है, किसी भी समाज के विकास के लिए वहां के रीति—रिवाज और लोकपर्वों का विशेष योगदान होता है। डॉ. बत्रा ने कहा कि इस शुभ पर्व पर हम सबको अपने नौनिहालों से घर की देहरी पर पुष्प वर्षा कराकर उन्हें शगुन तथा उपहार देकर इस त्यौहार को जीवन्त बनाये रखने के प्रयास करने चाहिए। हमारी लोक संस्कृति और परम्परायें हमें अपनी जड$ो से जुड$े रहने की प्रेरणा देती है। उन्होंनें कहा कि जिस प्रकार फूल उच्चतम रचना शीलता का परिचायक है उसी प्रकार यह त्यौहार भी हमारे छात्र-छात्राआें को रचनात्मक प्रेरणा दे।
इस अवसर पर कॉलेज की छात्राआें नेहा राठौर, कुमकुम राजभर, मोनिशा चौधरी, मोहिनी, आयुषी त्यागी, ममता भटट्, आरती ठाकुर, प्रिया सेमवाल, खुशी आदि ने प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार बत्रा एवं समीक्षा अधिकारी नसीम खान को फूलों की टोकरी भेट कर इस पर्व को जीवंत किया। मुख्य अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय कुमार माहेश्वरी ने शुभकामना देते हुए कहा कि लोकसंस्कृति तथा धार्मिक दृष्टि से अत्यन्त महत्व है। उन्होंने इसके धार्मिक तथा सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान शिव जब तपस्या में लीन थे तो उस समय उनके गणों द्वारा फूलों के द्वारा उनको तपस्या से जागृत किया गया। जो कि प्रतीकात्मक रुप से प्रकृति के पुन: बसन्त ऋतु को अंगीकृत करने की आेर संकेत करती है। उन्होंने कहा कि यह त्यौहार प्रकृति की उर्वरता को उत्सव के रुप में मनाने के रुप में देखा जाना चाहिए। इस अवसर पर मुख्य रूप से समीक्षा अधिकारी नसीम खान उत्तराखंड सचिवालय , विनय थपलियाल, डॉ. प्रज्ञा जोशी, डॉ. विजय शर्मा, डॉ. पुनीता शर्मा, सुरभि,डॉ. मोना अग्रवाल, एमसी पान्डेय आदि सहित कॉलेज के अनेक छात्र-छात्राएें व शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहें।
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November 24, 2024